हालाँकि लोगों को लाल कृष्ण आडवाणी व मुरली मनोहर जोशी जी की कमी काफ़ी खल रही थी, इस मामले में श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बयान जारी करते हुए कहा कि इस कोरोना काल में वृधावस्था की वजह से संक्रमण का ख़तरा होने के कारण वे आने में असक्षम रहे।
भूमिपूजन के बारे में लोगों के मन में तरह-तरह की भ्रांतियां पल रही थी, जिसमें सबसे प्रमुख था हिंदी महीने के हिसाब से “भादो” माह का होना, जिसमें शुभ कार्य व किसी भी प्रकार के बंधन के कार्य को अशुभ माना जाता है, इतना अशुभ कि लोग आम बोलचाल की भाषा में कहते हैं कि इस माह में लोग छप्पर तक नहीं बांधते।
इस मामले पर हमने कई आचार्य व जाने माने प्रतिष्ठित ब्राह्मणों से बात की तो पाया कि संक्रांति होने की वजह से इसे “भादो” महीना नहीं माना जाता है और मैथिली,वैदेही पत्रक के हिसाब से अगस्त महीने के 5,6 व 8 तारीख़ को भूमि पूजन का शुभ दिन है, इसलिए राममंदिर का भूमि पूजन इसी दिवस होने जा रहा है।